Neeraj Khare
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नीरज खरे
नीरज खरे का जन्म 1 दिसम्बर, 1969 को अजयगढ़, जिला—पन्ना, मध्य प्रदेश में हुआ। यहीं विद्यालयीन शिक्षा हुई। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर मध्य प्रदेश से भौतिकी में एम. एससी. के बाद हिन्दी में एम.ए. और पीएच.डी., संचार एवं पत्रकारिता में बी.सी.जे. एवं एम.जे.सी. किया। यहीं 1998 से कुछ वर्ष अस्थायी पद पर अध्यापक रहे। 2005 से बी.एच.यू. के हिन्दी विभाग में अध्यापन प्रारम्भ।
प्रकाशित आलोचना पुस्तकें—‘बीसवीं सदी के अन्त में हिन्दी कहानी’, ‘कहानी का बदलता परिदृश्य’ और ‘आलोचना के रंग’।
प्रेमचन्द शोध संस्थान, लमही (वाराणसी) में बतौर सदस्य कार्य करते हुए ‘प्रेमचन्द और हमारा समय’ किताब का सह-संपादन। हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कथा-आलोचना केन्द्रित निरन्तर लेखन। कुछ कविताएँ और एक कहानी भी प्रकाशित। सम्पादित पुस्तकों में कुछ लेख। सागर में कुछ वर्ष पत्रकारिता।
‘आलोचना के रंग’ की पांडुलिपि पर साहित्य भंडार तथा मीरा फाउन्डेशन, इलाहाबाद का ‘मीरा स्मृति पुरस्कार-2017’ और आलोचना कर्म के लिए स्पंदन संस्था, भोपाल का ‘स्पंदन आलोचना सम्मान-2022’।
सम्प्रति : प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी–221 005
ईमेल : neerajkharebhu@gmail.com