Meeraji
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मीराजी
नाम : मुहम्मद सनाउल्लाह डार।
जन्म : 25 मई, 1912 ई.।
तख़ल्लुस : पहले ‘साहिरी’, फिर ‘मीराजी’। हज़लिया शायरी में कहीं-कहीं ‘लंधूर’ आया है। कुछ लेख ‘बसन्त सहाय’ के नाम से लिखे। कुछ पत्रों में ‘बशीरचन्द’ भी आता है। एक पत्र में ‘मीराजी अलमारुफ़ बंदे-हसन’ दिखाई देता है।
शिक्षा व जीवनवृत्ति : मैट्रिक फ़ेल। कुछेक पत्रिकाओं और रेडियो में नौकरी के सिलसिले में देहली और बम्बई भी रहे।
प्रमुख कृतियाँ : ‘मीराजी के गीत’, ‘मीराजी की नज़्में’, ‘पाबन्द नज़्में’, ‘गीत ही गीत’, ‘तीन रंग’ (शायरी); 1988 में उर्दू मरकज़, लन्दन से ‘कुल्लियाते-मीराजी’ प्रकाशित; ‘मशरिक़ो-मग़रिब के नग़्मे’, ‘इस नज़्म में’ (आलोचना); ‘निगारख़ाना’ (दामोदर गुप्त की संस्कृत रचना ‘नटिनीयतम’ का उर्दू अनुवाद); ‘ख़ैमे के आसपास’ (उमर ख़ैयाम की रुबाइयाँ)।
निधन : 3 नवम्बर, 1949, बम्बई।