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Mamta Singh

Mamta Singh

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ममता सिंह

16 नवम्बर को धुबरी, असम में जन्मी ममता सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. और रूसी भाषा में डिप्लोमा प्राप्त हैं। वे प्रयाग संगीत समिति से प्रभाकर हैं।

उनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं—‘राग मारवा’, ‘किरकिरी’ (कहानी-संग्रह); ‘अलाव पर कोख’ (उपन्यास)। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ, संस्मरण और लेख प्रकाशित होते रहे हैं।

अपने ऑडियो ब्लॉग ‘कॉफी हाउस’ के जरिये वे मशहूर लेखकों की कहानियों और ‘बतकही’ ब्लॉग के जरिये अपनी कहानियों का वाचन करती हैं।

उन्हें साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंच-संचालन और नाटकों में अभिनय का विशेष अनुभव है। वे मुम्बई के पहले हिन्दी सांध्य दैनिक ‘निर्भय पथ’ में उप-सम्पादक रह चुकी हैं। एक हिन्दी वार्षिक कैलेंडर का सम्पादन भी किया है।

पहले कहानी-संग्रह ‘राग मारवा’ के लिए वे महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी के पुरस्कार और मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के ‘वागीश्वरी सम्मान’ से सम्मानित हैं। उन्हें आकाशवाणी की सर्वश्रेष्ठ उद्घोषिका का ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ भी मिल चुका है।

वर्तमान में विविध भारती में उद्घोषिका हैं और ‘रेडियो-सखी’ के नाम से मशहूर हैं।

ई-मेल : radiosakhi@gmail.com

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