Krishnakant 'Eklavya'
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कृष्णकान्त 'एकलव्य’
जन्म : 28 नवम्बर, 1940; जनपद जौनपुर (उ.प्र.) के एक गाँव में।
शिक्षा : ग्रामीण अंचल में माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के बाद शहर में आकर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की।
जीवन-यात्रा एक अध्यापक के रूप में प्रारम्भ होते ही राजकीय सेवा में चयनित होकर बाहर चले गए, किन्तु राजकीय सेवा की विपरीत परिस्थितियों में भी एक दर्जन से अधिक कृतियों की रचना और प्रकाशन करते रहे।
प्रकाशन : ‘शि.ए.न. कुर्सी का स्वर्ग’, ‘सीता का अग्निवेश’, ‘स्मृति के झरोखे के अतिरिक्त व्यंग्य-शिल्प में छिपकली की लाश’, ‘लोकतंत्र से भोग तंत्र तक’, ‘एकलव्य के व्यंग्य-बाण’, ‘पूर्वांचल का हास्य-व्यंग्य’, ‘स्मृति शेष’, ‘हास्य-व्यंग्य पुरोधा’, ‘हिन्दी की प्रमुख लेखिकाएँ’ आदि विशेष उल्लेखनीय कृतियाँ हैं।
सम्मान : उत्तर प्रदेश सहित क्रमश: दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार प्रान्त की प्रमुख हिन्दी संस्थाओं द्वारा सम्मानित।