Khwaja Ahmad Abbas
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ख़्वाजा अहमद अब्बास
ख़्वाजा अहमद अब्बास का जन्म 7 जून, 1914 में पानीपत के मौलाना अल्ताफ़ हुसैन हाली के परिवार में हुआ। वह एक साहित्यकार, पत्रकार एवं फ़िल्म निर्देशक और निर्माता थे। उनकी कहानियाँ आधुनिक भारत की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में शामिल की जाती हैं। यह कहानियाँ न केवल भारतीय समाज की वास्तविकता को दर्शाती हैं बल्कि ख़ुद अब्बास की आत्मा का दर्पण भी है। यह कहानियाँ सन् 1947 के स्वतंत्र भारत, विभाजित भारत के साम्प्रदायिक दंगों से प्रभावित भारत और विकास की ओर बढ़ते हुए 50, 60 एवं 70 के दशक के भारत तथा प्रगतिशील भारत की कहानियाँ हैं जो पाँच दहाइयों पर फैली हुई हैं। ‘इनमें हाड़-मांस के सच्चे मनुष्य हैं, जो अच्छाइयों और बुराइयों का संग्रह हैं, जो बावजूद ‘पाप’ करने के मानवता से अनभिज्ञ नहीं होते। मनुष्य, जो इश्क़ और मुहब्बत ही के लिए जीवित नहीं रहते बल्कि खाते भी हैं, कमाते भी हैं, गाते भी हैं, देश पर जान भी देते हैं और देश से विश्वासघात भी करते हैं, जो गिरते भी हैं, सँभलते भी हैं, और गिरतों को सँभालते भी हैं।’ इन कहानियों के माध्यम से एक पिछड़े वर्ग के मानव से सहानुभूति रखनेवाले , जात-पाँत और साम्प्रदायिकता से घृणा करनेवाले, औरतों के शोषण से दुखी होनेवाले, आम आदमी के सपनों को साकार होते देखनेवालों की इच्छा रखनेवाले एक धर्मनिरपेक्ष, सच्चे राष्ट्रवादी एवं आदर्शवादी अब्बास सामने आते हैं।