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Kalpana Sastri

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कल्पना शास्त्री

कल्पना शास्त्री महाराष्ट्र की हैं। मराठी भाषी हैं। फिर भी हिन्दी-मराठी दोनों भाषाओं पर इनका समान प्रभुत्व है।
समाज की व्यवस्था के बारे में इनका गहन अध्ययन रहा है। वे समाज सेवा से 17 वर्ष की उम्र से ही जुड़ गई थीं, जब वे बांग्लादेशी शरणार्थियों के लिए काम करने वर्धा महाराष्ट्र से गई थीं। कॉलेज जीवन पूरा होने पर इन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में सामाजिक काम भी किया। 25 वर्ष की उम्र में बिहार के निवासी प्रसिद्ध गांधीवादी कुमार शुभमूर्ति से शादी की और उनके घर रोसड़ा को कार्यक्षेत्र बनाकर दलितों के बीच काम करना शुरू किया। इनके काम का मुख्य केन्द्र औरतें और बच्चे हैं।

कल्पना शास्त्री ने कई अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित भी किए हैं और दुनिया-भर में समाज के बदलाव के लिए जो लोग काम कर रहे हैं, उनके आमंत्रण पर कई जगह मीटिंग और सेमिनार में निमंत्रित हुई हैं। ‘आयफ़ोर’ और ‘ट्रेनिंग फॉर चेंज’, जैसे पीस ग्रुप्स से ये जुड़ी रही हैं। वक्तृत्व प्रभावी होने के कारण इन्हें कई जगह देश-विदेश में बुलाया भी जाता है।
इनकी दो बेटियाँ हैं। दोनों उच्च शिक्षित हैं। दोनों को इन्होंने स्कूल नहीं भेजा। आज के शोषणकारी शिक्षण तंत्र के विरोध में ये खड़ी रहीं। स्कूली सिस्टम के दबावों और कमियों को हटाने के लिए शिक्षा के दूसरे तरीक़े अपनाए।
इन्होंने कईं किताबें लिखी हैं जिनमें 'जर्मनी : यह कैसा विकास', 'हम औरतों के लिए', 'मिथिला की हरिजन औरत' प्रमुख हैं। इनकी कई किताबों का मराठी व इंग्लिश में अनुवाद भी हो चुका है।

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