K. Chinnappa Bharti
2 Books
कु. चिन्नप्प भारती
जन्म : 1935; पोन्नेरिपट्टी, नामक्कल, सेलम (तमिलनाडु)।
हाईस्कूल की पढ़ाई के समय से ही छात्र-आन्दोलनों से सम्बद्ध। समाजवादी सिद्धान्तों के प्रति रुझान के चलते चेन्नई के पच्चैयपान कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया के प्रमुख नेता। 1955 में इंडोनेशिया की राजधानी बांडुंग में आयोजित अफ़्रीकी-एशियाई शान्ति सम्मेलन में तमिलनाडु छात्र-संघ के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। 1957 में मास्को में आयोजित राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व। इंटर के बाद पढ़ाई छोड़कर सक्रिय राजनीति में प्रवेश। 1958 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बने। पार्टी के टिकट पर नामक्कल नगर के पार्षद चुने गए। पार्षद के रूप में कोल्लीमलै के पहाड़ी क्षेत्रों में जाकर गिरिजनों और जनजाति के लोगों के बीच काम करने और उनकी समस्याओं को जानने का अवसर मिला। 1976 में आपातकाल के दौरान एक वर्ष का कारावास।
तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक संघ के सचिव (1976) के रूप में तथा सी.आई.टी.यू. मज़दूर संघ के अध्यक्ष के रूप में चिन्नप भारती को बुद्धिजीवियों और जनसाधारण के साथ घुलने-मिलने के अवसर मिलते रहे जिसके फलस्वरूप वे सशक्त उपन्यासों की रचना में सफल हुए।
कुछ समय तक मासिक साहित्यिक-सामाजिक पत्रिका ‘चेम्मलर’ के प्रबन्ध सम्पादक रहे।
प्रमुख कृतियाँ : कविता-संग्रह—‘चिन्नप्प भारती की कविताएँ’ (1954), ‘निलवुडै मै एप्पो’ (भूस्वामित्व कब? 1954); कहानी-संग्रह—‘चिन्नप्प भारतियिन् कुट्टि कदैगल’ (1954); उपन्यास—‘दाहम’, ‘संगम’, ‘शर्करा’, ‘पवलाई’।
अनुवाद : चिन्नप्प भारती की रचनाएँ अंग्रेज़ी, तेलुगू, मलयालम, हिन्दी आदि भाषाओं में अनूदित हुई हैं।
सम्मान : उपन्यास ‘संगम’ पर ‘इलक्किय चिंतनै पुरस्कार’ (1985), वर्ष का ‘श्रेष्ठ उपन्यास पुरस्कार’ (1985), उपन्यास ‘दाहम’ प्रथम दस श्रेष्ठ उपन्यासों में परिगणित।