Jean Paul Sartre
2 Books
ज्याँ पॉल सार्त्र
जन्म : 21 जून, 1905; पेरिस, फ़्रांस में।
पेरिस जलसेना अधिकारी ज़ाँ बापतिस्त और ऐन-मरी सार्त्र की गोद ली हुई सन्तान ज़्याँ पॉल सार्त्र की शिक्षा-दीक्षा फ़्रांस के अलावा मिस्र, इटली, ग्रीक और जर्मनी में एडमुंड हुसेर्ल और मार्टिन हाइडेगर की देखरेख में हुई। विचारों से नास्तिक व साम्यवाद के समर्थक सार्त्र ने कभी किसी पार्टी की सदस्यता नहीं ली और चालीस के दशक में फ़्रांसीसी सेना में भी रहे। सन् 1940-41 में वे युद्धक़ैदी के रूप में नौ महीने जर्मनी रहे।
‘फ्रेंच रैली ऑफ़ रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेट्स’ के संस्थापकों में भी वे एक थे। 1941-44 ‘रजिस्टेंश मूवमेंट’ के लिए भूमिगत रूप से उन्होंने उसके समाचार-पत्रों ‘कॉम्बात’ और ‘ललेत्र फ़्रांत्सुवा’ के लिए काम किया।
एक दार्शनिक और लेखक के रूप में उन्होंने उपन्यास, नाटक, पटकथाएँ, आत्मकथाएँ व साहित्यिक-राजनीतिक आलोचनाएँ लिखीं।
सम्मान : 1940 में ‘ल मूर’ के लिए उन्हें ‘रोमां पोपुलिस्त पुरस्कार’ मिला। 1945 में उन्होंने ‘फ़्रेंच लेज़ाँ दोनॉर सम्मान’ ठुकरा दिया। 1947 में ‘न्यूयॉर्क ड्रामा क्रिटिक लॉ नौसे’ के लिए और सम्पूर्ण कृतित्व के लिए 1960 का ‘ओमेग्ना पुरस्कार’। साहित्य का ‘नोबल पुरस्कार’ भी उन्होंने 1964 में ठुकरा दिया। जेरूसलम की हिब्रू विश्वविद्यालय ने 1976 में उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया।
मृत्यु : 15 अप्रैल, 1980; फेफड़े की बीमारी से।