Jayawanti Dimri
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जयवन्ती डिमरी
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी की पूर्व प्राध्यापिका। अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वे दून यूनिवर्सिटी, देहरादून (2012-2013) में विजिटिंग फ़ैकल्टी और पोर्टलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएस (2013) में इंटरनेशनल विजिटिंग प्रोफ़ेसर (आईवीपी) रही हैं।
अंग्रेज़ी तथा हिन्दी दोनों भाषाओं में लेखन। कहानी, उपन्यास, बाल-लेखन, अनुवाद आदि में सक्रिय भागीदारी। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘सुरजू के नाम’, ‘पिंडदान’ (उपन्यास); ‘गागर भर पानी’, ‘नरककुंड’ (कहानी-संग्रह); 'द इमेजेज एंड रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ द रूरल वुमन', ‘द ड्रुक्पा मिस्टिक : भूटान इन ट्वंटी फ़र्स्ट सेंचुरी’; ‘ए क्रिटिकल स्टडी ऑफ़ अर्नेस्ट हेमिंग्वेज़ शॉर्ट स्टोरीज़ एंड नॉन फ़िक्शन’ (शोध) आदि।
‘आर्य स्मृति सम्मान’ से सम्मानित डॉ. डिमरी की रचनाएँ अंग्रेज़ी, तेलुगू, मराठी आदि भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं।