Habeeb 'Jalib'
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हबीब ‘जालिब’
जन्म : 22 मार्च, 1928; म्यानी अफ़ग़ानाँ, ज़िला—होशियारपुर, पंजाब में।
शिक्षा : जो कुछ भी थोड़ी-बहुत शिक्षा पाई, वह अधिकतर दिल्ली में पाई।
1941 में फुटकर काव्य-रचना शुरू कर चुके थे; 1943-44 में मेहनत-मज़दूरी से जीवनयापन का आरम्भ। देश-विभाजन के साथ पाकिस्तान चले गए, मगर जल्दी ही मोहभंग भी हो गया। अनेकों बार जेल की यात्रा। 1976 में हैदराबाद (सिन्ध) साज़िश मुक़द्दमे में फँसाए गए और 1978 में ही ज़मानत मिली। 1958 में पासपोर्ट ज़ब्त हुआ तो 1988 में वापस मिला। एक दफ़ा तो लन्दन जाते हुए कराची हवाई अड्डे पर ही रोक लिए गए, बावजूद इसके कि सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें देश से बाहर जाने की छूट दे दी थी। आरम्भ में आलोचकों ने उनकी शायरी को नकारा, मगर आख़िर में एक जनकवि स्वीकार किए गए। अनेक फ़िल्मों में गीत लिखे, पर यह लाइन जल्द ही छोड़ दी।
प्रमुख कृतियाँ : ‘बर्गे-आवारा’, ‘सरे-मक़तल’, ‘अहदे-सितम’, ‘ज़िक्र बहते ख़ून का’, ‘गोशे में क़फ़स के’, ‘अहदे-सज़ा’, ‘हर्फ़े-हक़’, ‘इस शह्रे-ख़राबी में’, ‘जालिबनामा’, ‘हर्फ़े-सरदार’। एक ‘कुल्लियात’ जीवनकाल में ही प्रकाशित।
सम्मान : ‘निशान-ए-इम्तियाज’, ‘निगार पुरस्कार’, ‘हसरत मोहानी पुरस्कार’, ‘जम्हूरियत पुरस्कार’, ‘सोहनसिंह जोश पुरस्कार’ आदि।
निधन : 12 मार्च,1993; लाहौर।