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G. Ramkrishna

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जी. रामकृष्ण

नेशनल कॉलेज, बंगलोर, में अंग्रेज़ी के अध्यापक डॉ. जी. रामकृष्ण वैदिक साहित्य और भारतीय दर्शन के गम्भीर अध्येता रहे हैं। मैसूर विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. (1959) और पी-एच.डी. (1965) करने के बाद उन्होंने पूना विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम.ए. (1965) किया, और फिर ग्रेट ब्रिटेन के वेल्स विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान से 1968 में इंगलिश स्टडीज में एक और एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। साहित्य, दर्शन, शिक्षा आदि में विविध विषयों पर बहुत-से शोधपत्र और लेख लिखने के अतिरिक्त उन्होंने अनेक ग्रन्थों का लेखन और सम्पादन भी किया है। दर्शन और सम्बद्ध विषयों पर कन्नड़ भाषा में उनके लेख-संग्रह मुन्नोता को 1980 में कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनकी कुछ अन्य कृतियाँ ‘दि लिविंग मार्क्स’, ‘भगतसिंह’ आदि हैं। वे ‘ऐन इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ साउथ इंडियन कल्चर’ के सहप्रणेता और सम्पादक रहे हैं। उन्होंने प्रो. एस. रामचन्द्र राव के सम्मान में प्रकाशित ग्रन्थ ‘स्टडीज इन इंडियन कल्चर’ का सम्पादन भी किया है। शोध-कार्य के दिनों से ही वे चीनी दर्शन के एक गम्भीर छात्र रहे हैं।

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