Back to Top


Father Kamil Bulke
2 Books
फ़ादर कामिल बुल्के
जन्म 1 सितम्बर, सन् 1909 में बेल्जियम देश के रैम्सकैपल स्थान में हुआ। मिशनरी कार्य के लिए भारत आए और यहीं के नागरिक हो गए। प्रयाग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से सम्बद्ध रहकर आपने अपना शोध प्रबन्ध ‘रामकथा : उत्पत्ति और विकास’ (सन् 1950) प्रस्तुत किया। यह अपने विषय का अद्वितीय ग्रन्थ है। मातरलिंक के प्रसिद्ध नाटक ‘ब्लू बर्ड’ का ‘नीलपक्षी’ नाम से रूपान्तर किया (सन् 1958)। इसके अतिरिक्त आपकी दो प्रमुख कृतियाँ हैं—‘अंगरेजी-हिन्दी कोश’ (सन् 1968) तथा ‘सुसमाचार’ : (न्यू टेस्टमेण्ट के चारों ईसा चरित, 1971)। राँची के सेण्ट जेवियर्स कॉलेज में हिन्दी तथा संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रहे। भारत सरकार द्वारा सन् 1974 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित।
आपका निधन 1984 में हुआ।