Dronveer Kohli
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द्रोणवीर कोहली
जन्म : 1932 में रावलपिंडी के निकट एक दुर्गम एवं उपेक्षित ग्रामीण परिवार में हुआ। देश विभाजन के उपरान्त वह दिल्ली आए जहाँ इनकी किशोरावस्था बीती और शिक्षा-दीक्षा हुई।
भारतीय सूचना सेवा के अन्तर्गत विभिन्न पदों पर काम करते हुए इन्होंने ‘आजकल’ साहित्यिक मासिक एवं ‘बाल भारती’ तथा तेरह भाषाओं में प्रकाशित ‘सैनिक समाचार’ का सम्पादन किया। कुछ समय के लिए वह आकाशवाणी में वरिष्ठ संवाददाता तथा बाद में हिन्दी समाचार विभाग के प्रभारी सम्पादक भी रहे।
इनके ग्यारह मौलिक उपन्यासों : ‘चौखट’, ‘मुल्क अवाणों का’ तथा ‘आँगन-कोठा संयुक्त’, ‘तकसीम’, ‘वाह कैंप’, ‘नानी’, ‘ध्रुवसत्य’, ‘टप्पर गाड़ी’, ‘खाड़ी में खुलती खिड़की’, ‘पोटली के अलावा’ उन्होंने कई पुस्तकों का अनुवाद भी किया है : फ्रेंच लेखक ज़ोला का ‘उम्मीद है आएगा वह दिन’, स्वीडिश उपन्यास ‘डॉक्टर ग्लास’ सम्मिलित हैं। इनमें बच्चों के लिए भी अनेक पुस्तकें शामिल हैं।
द्रोणवीर जाने-माने उपन्यासकार, कथाकार, सम्पादक और अनुवादक ही नहीं, वे निर्भीक पत्रकार भी रहे। ‘बुनियाद अली की बेदिल दिल्ली’, ‘हाइड पार्क’ एवं ‘राजघाट पर राजनेता’ जैसी पुस्तकें तथा ‘धर्मयुग’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘सारिका’ जैसी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित इनके रोचक रिपोर्ताज और इन्टरव्यू दिलचस्पी से पढ़े जाते थे।
निधन : 24 जनवरी, 2012