Deo Prakash Chaudhary
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देव प्रकाश चौधरी
मूलतः चित्रकार, पेशे से पत्रकार।
जन्म झारखंड में गोड्डा जिले के मोतिया गाँव में। बचपन गाँव में, कॉलेज की पढ़ाई बिहार के भागलपुर में। फिर दिल्ली बनी ठिकाना। देश की कई महत्त्वपूर्ण कला प्रदर्शनियों में हिस्सेदारी और पुरस्कृत। कला आलोचना में सक्रिय। महत्त्वपूर्ण समकालीन भारतीय कलाकारों में रामकिंकर बैज, एम.एफ. हुसेन, गणेश पाइन और अर्पणा कौर की कला पर विशेष अध्ययन।
देश-विदेश के प्रकाशन संस्थानों के लिए एक हजार से ज्यादा बुक कवर डिजाइन किये। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से फेलोशिप और दो रिसर्च प्रोजेक्ट। एनएफआई फेलोशिप।
कला पर कई किताबें। बिहार की मंजूषा लोक कला पर लंबे शोध के बाद लिखी किताब ‘लुभाता इतिहास पुकारती कला’ लोककला-प्रेमियों में लोकप्रिय। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर भी एक किताब। ओसामा बिन लादेन पर लिखी किताब ‘एक था लादेन’ ने खूब चर्चा पाई। हाल में मशहूर चित्रकार अर्पणा कौर की कला पर आई किताब ‘जिसका मन रंगरेज’ बहुचर्चित।
आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए लगातार नाटक और डॉक्यूमेंटरी फिल्म के लिए लेखन। फीचर फिल्मों के लिए भी लिखा। संथाल संस्कृति पर आधारित फिल्म ‘कपूर मूली के फूल पनघट पर’ के लिए संवाद।
...और नौकरी, कभी प्रिंट मीडिया में तो कभी टीवी मीडिया में... और सफर जारी है।