Dayashankar Shukla Sagar
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दयाशंकर शुक्ल सागर
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जन्मे दयाशंकर शुक्ल सागर ‘दैनिक जागरण’, ‘हिन्दुस्तान’ और ‘अमर उजाला’ जैसे कई प्रतिष्ठित हिन्दी अखबारों के सम्पादक रहे हैं। पिछले 28 साल से पत्रकारिता में सक्रिय शुक्ल ‘इंडिया टुडे’ के सीनियर डिप्टी एडिटर रह चुके हैं। उनके लेख व निबन्ध ‘बीबीसी हिन्दी’, ‘इंडिया टुडे’, ‘हंस’ समेत देश की तमाम पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। सामाजिक सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता में शुक्ल ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
दलितों-वंचितों के अधिकारों और उनकी पीड़ा, मनरेगा, भ्रष्टाचार, आतंकवाद से जुड़ी स्पेशल रिपोर्टों पर शुक्ल को तीन बार ‘केसी कुलिश इंटरनेशनल एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड’ से नवाजा जा चुका है। एक अवार्ड तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाथों नई दिल्ली में प्रदान किया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय से
शिक्षा प्राप्त शुक्ल को ‘प्रभाष जोशी पत्रकारिता अवार्ड’ 2018 में मिला।
भारतीय सीमाओं पर हो रही तस्करी पर शुक्ल की एक खोजपरक रिपोर्ट अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर 2012 के जिनेवा कन्वेंशन में पेश की गई। शुक्ल ने लीडरशिप प्रोग्राम के तहत अमेरिका की प्रतिष्ठित जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी से लीडरशिप ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। एकेडमिक फैलोशिप के तहत कई देशों की यात्रा कर चुके शुक्ल की पुस्तक ‘महात्मा गांधी : ब्रह्मचर्य के प्रयोग’ काफी चर्चा में रही है। गांधी पर उनकी दूसरी चर्चित पुस्तक ‘अधनंगा फ़क़ीर’ हाल ही में छपी है। शुक्ल ने वाल्मीकि, कम्ब, कृत्तिवास व अन्य रामायणों पर आधारित ऑडियो बुक ‘रामकथा’ स्वीडन के ऑडियो प्लेटफॉर्म स्टोरीटेल के लिए लिखी है।
फिलहाल शुक्ल ‘अमर उजाला’, देहरादून के रेजिडेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं।