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Bankimchandra Chattopadhyay

Bankimchandra Chattopadhyay

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बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

राष्ट्रीय गीत ‘वन्देमातरम्’ के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म 1838 को उत्तरी चौबीस परगना के कन्थलपाड़ा में एक समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था।

सन् 1857 में बी.ए. उतीर्ण करने के पश्चात् 1869 में क़ानून की डिग्री हासिल की। प्रेसिडेंसी कालेज से बी.ए. की उपाधि लेनेवाले ये पहले भारतीय थे। शिक्षा के उपरान्त डिप्टी मजिस्ट्रेट के पद पर आपकी नियुक्ति हो गई। कुछ समय तक बंगाल सरकार के सचिव-पद पर कार्यरत थे और ‘रायबहादुर’ तथा ‘सी.आई.ई.’ की उपाधि हासिल की। सन् 1891 में सरकारी नौकरी से रिटायर हुए।

आपकी पहचान बांग्ला कवि, उपन्यासकार और पत्रकार के रूप में है। प्रथम प्रकाशित रचना ‘राजमोहन’स वाइफ़’ थी। प्रथम प्रकाशित बांग्लाकृति 'दुर्गेशनन्दिनी' मार्च, 1865 में। अगली रचना 'कपालकुंडला' 1866 में प्रकाशित। ‘आनंदमठ’, ‘देवी चौधरानी’, ‘मृणालिनी’, ‘कृष्‍णकान्‍त का वसीयतनामा’ आपके प्रसिद्ध उपन्‍यास हैं। आपकी कविताएँ ‘ललिता’ और ‘मानस’ नामक संग्रह में प्रकाशित हुई। आपने धर्म, सामाजिक और समसामयिक मुद्दों पर आधारित अनेक निबन्ध भी लिखे।

सन् 1894 में निधन।

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