Anand Harshul
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आनंद हर्षुल
23 जनवरी, 1959 को छत्तीसढ़ के एक गाँव—बगिया (रायगढ़) में जन्म। क़ानून तथा पत्रकारिता में स्तानक।
उनका पहला कहानी-संग्रह 'बैठे हुए हाथी के भीतर लड़का’ 1997 में प्रकाशित हुआ। उसके बाद 'पृथ्वी को चंद्रमा’ 2003, 'अधखाया फल’ 2009 तथा 'रेगिस्तान में झील’ 2014 में जो उनकी कहानियों का चौथा संग्रह है—जिसमें उनकी प्रारम्भ से 2001 तक की कहानियाँ संकलित हैं। पहला उपन्यास ‘चिड़िया बहनों का भाई’ 2017 में प्रकाशित।
'बैठे हुए हाथी के भीतर लड़का’ के लिए मध्य प्रदेश साहित्य परिषद के 'सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार’ (1997); 'पृथ्वी को चन्द्रमा’ के लिए 'विजय वर्मा अखिल भारतीय कथा सम्मान’ (2003) एवं समग्र लेखन के लिए 'वनमाली कथा सम्मान’ (2014) से सम्मानित।
कहानियों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद।
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