Arvind : Sahaj Samantar Kosh

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Arvind : Sahaj Samantar Kosh
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‘अरविंद सहज समान्तर कोश’ शब्दकोश भी है और थिसारस भी! किसी भी समर्थ भाषा की समृद्धि का सूचक उसका शब्दकोश होता है। जहाँ भाषा की शब्द-सम्पदा को वैज्ञानिक विधि से व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस दृष्टि से यह कोश अपनी तरह का पहला ऐसा शब्द-भंडार है जो प्रकृति से तो थिसारस है किन्तु जिसका विन्यास कोशों की तरह हुआ है—अकारादि क्रम में।

शब्दों के अर्थ बताने के साथ-साथ अर्थों के शब्द खोजने में भी सक्षम इस कोश में शब्दों के पर्याय, सपर्याय और विपर्याय भी सम्मिलित हैं जिसके कारण दावे के साथ कहा जा सकता है कि यह कोश अपने आपमें आवश्यक शब्द-सूचनाओं से भरपूर एक सम्पूर्ण ज्ञान-विज्ञान कोश की विशेषताएँ समेटे हुए है। अपने स्वरूप में यह शब्दार्थ कोश, समान्तर कोश और ‘इंडेक्स’ की विशेषताओं से सम्बद्ध और विपरीत शब्दों के क्रौस रेफरेंस तलाशे जा सकते हैं और इस कोश में मुहावरों और प्रचलित वाक्यांशों का भी खजाना है।

इस कोश में भारतीय एवं अन्तरराष्ट्रीय शब्दमालिका को उतना ही महत्त्व दिया गया है जितना कि बदलते परिवेश में अधुनातन प्रामाणिक शब्दावली को। इस कोश में अठहत्तर हज़ार नौ सौ पंचानबे चुनी हुई अभिव्यक्तियों सहित पौने पाँच लाख से भी अधिक शब्द हैं, पर्याय और सम्बद्ध शब्दों के संकेतकों के साथ, अर्थात् यह कोश भाषा को वास्तविक ढंग से परिपुष्ट करनेवाले हर तरह के तत्त्वों को समेटे हुए है। सटीक शब्द के चुनाव, किस सन्दर्भ के लिए कौन-सा शब्द उचित रहेगा या किसी अवधारणा को किस पारिभाषिक शब्द में अभिव्यक्त किया जा सकता है, आदि के लिए यह कोश समर्थ सहायक सिद्ध होगा।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2010
Edition Year 2018, Ed. 2nd
Pages 1012p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 25 X 18.5 X 5
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Arvind Kumar

Author: Arvind Kumar

अरविन्द कुमार

जन्म : मेरठ, 1930

शिक्षा : एम.ए., (अंग्रेज़ी)।

1945 से हिन्दी और अंग्रेज़ी पत्रकारिता से जुड़े रहे। आरम्भ में दिल्ली प्रेस की ‘सरिता’, ‘कैरेवान’, ‘मुक्ता’ आदि पत्रिकाओं में कार्य। 1963-78 तक मुम्बई से ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की पाक्षिक पत्रिका ‘माधुरी’ का समारम्भ और सम्पादन किया। 1978 में ‘समांतर कोश’ पर काम करने के लिए वहाँ से स्वेच्छया मुक्त होकर दिल्ली चले आए। 1980 से 1985 तक रीडर्स डाइजेस्ट के हिन्दी संस्करण ‘सर्वोत्तम’ का समारम्भ और सम्पादन। एक बार फिर समांतर कोश पर काम। ‘समांतर कोश’ का प्रकाशन 1996 में हुआ। उसके बाद से द्विभाषी हिन्दी-भाषी डाटाबेस बनाया जिसमें उनकी पत्नी कुसुम कुमार उनकी सक्रिय सहयोगी रहीं। अनेक फुटकर कविताएँ, लेख, कहानियाँ, चित्र, नाटक, फ़िल्म समीक्षाएँ आदि प्रकाशित।

निधन : 27 अप्रैल, 2021

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