Samachar Evam Praroop Lekhan-Hard Cover

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ISBN:9788171191604
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9788171191604

इस पुस्तक के उद्देश्य और स्वरूप को लेकर लेखकीय टिप्पणी इस प्रकार है—“प्रशासनिक, व्यावसायिक एवं कार्यालयी स्तर पर हिन्दी प्रयोग के प्रयास विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे हैं, किन्तु उनमें विभिन्न कारणों से एकरूपता और एकसूत्रता का अभाव है। प्रस्तुत पुस्तक में इन अभावों के आधारभूत कारणों को तलाशते हुए, प्रायोगिक स्तर पर हिन्दी के व्यावहारिक स्वरूप का एक सुस्पष्ट प्रतिमान सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।”

निश्चय ही लेखक–द्वय के इस प्रयास को यहाँ सार्थक हुआ देखा जा सकता है। उन्होंने इस पुस्तक को तीन अध्यायों में विभाजित कर विषय–विवेचन को एक सुसंगति प्रदान की है, ख़ासकर ‘समाचार–लेखन’ और ‘प्रारूप– लेखन’ नामक अध्यायों में। इनके अतिरिक्त तीसरे अध्याय ‘अशुद्धि–शोधन’ में अशुद्धि के विभिन्न स्तरों का गम्भीरतापूर्वक विवेचन किया है।

कहने की आवश्यकता नहीं कि अपने संक्षिप्त कलेवर में भी अपने विषय की यह एक संग्रहणीय पुस्तक है।

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Language Hindi
Format Hard Back
Isbn 10 8171191606
Publication Year 2004
Edition Year 2004, Ed. 1st
Pages 88p
Price ₹45.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 17.5 X 12 X 1
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Ramprakash

Author: Ramprakash

रामप्रकाश

जन्म : 15 जुलाई, 1931; गाँव—जराही, ज़ि‍ला—मुलतान (वर्तमान पाकिस्तान)।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्‍दी, पंजाबी), पीएच.डी., भाषाविज्ञान में डिप्लोमा।

पत्राचार पाठ्यक्रम एवं अनुवर्ती शिक्षा विद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली में हिन्‍दी विभाग में वर्षों अध्‍यापन।

प्रमुख कृतियाँ : ‘आचार्य अमीरदास और उनका साहित्य’, ‘समीक्षा सिद्धान्त’, ‘मीराबाई की काव्य-साधना’, ‘आधुनिक कवि’, ‘पंजाब का हिन्दी साहित्य’ (आलोचना); ‘पगडंडी’, ‘बोली सलाख़ें’, ‘पिघलते पत्थर’, ‘सफ़र जारी है’ (उपन्‍यास); ‘राष्ट्रभाषा व्याकरण एवं रचना’, ‘मानक हिन्दी : संरचना एवं प्रयोग’, ‘व्यावहारिक एवं प्रायोगिक हिन्दी’, ‘समाचार एवं प्रारूप-लेखन’ (भाषाशिक्षण); ‘पत्रकारिता सन्‍दर्भ कोश’, ‘अभिनव पर्यायवाची कोश’ (कोश); ‘भाई गुरुदास रचित कवित्त-सवैये’ (अनुवाद)।

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