Kabuliwale Ki Bangali Biwi-Paper Back

Special Price ₹225.00 Regular Price ₹250.00
You Save 10%
ISBN:9788119835386
In stock
SKU
9788119835386
- +

“चाहत! चाहत का मतलब समझते हैं आप लोग? एक इनसान को दो वक़्त का खाना देने से ही क्या चाहत होती है? सिर छुपाने के लिए थोड़ी-सी जगह दे देने से ही क्या कर्तव्य ख़त्म हो जाता है? ब्याह कर भाइयों के पास बीवी को छोड़ जाने से ही क्या शौहर के सब दायित्वों का निर्वाह हो जाता है?...दिन-पर-दिन उसके भाई मुझ पर हाथ उठाते हैं...अशोभनीय भाषा में गाली-गलौच करते हैं...माता-पिता तक को गालियाँ देते हैं...”

सुष्मिता बंद्योपाध्याय का दिल दहला देनेवाला आत्मकथात्मक उपन्यास है—‘काबुलीवाले की बंगाली बीवी’।

बंगाली ब्राह्मण परिवार की लड़की का एक अफ़ग़ानी लड़के से प्रेम, फिर विवाह और फिर आठ साल तक अफ़ग़ानिस्तान में यातनाओं का कुचक्र—यही कथाभूमि है इसकी।

इस आत्मकथ्य में जहाँ तालिबानी पृष्ठभूमि की, निरंकुश धार्मिक कट्टरताओं को बेनक़ाब किया गया है, वहीं निरपेक्ष रूप से एक स्त्री की, छोटे बच्चे की तरह अपने घर वापस आने की छटपटाहट को भी मार्मिक अभिव्यक्ति मिली है।

भीतर तक हौला देनेवाला उपन्यास है—‘काबुलीवाले की बंगाली बीवी’।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2002
Edition Year 2023, Ed. 3rd
Pages 139p
Price ₹250.00
Translator Nilam Sharma 'Anshu'
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Kabuliwale Ki Bangali Biwi-Paper Back
Your Rating
Sushmita Bandyopadhyay

Author: Sushmita Bandyopadhyay

सुष्मिता बंद्योपाध्याय

जन्म : खुलना ज़िले के एक सम्पन्न ब्राह्मण परिवार में, 1956 में।

शिक्षा : सेंट जोसेफ़ कॉन्वेंट में।

‘काबुलीवाले की बंगाली बीवी’ (उपन्यास) का हिन्दी में भरपूर स्वागत हुआ। ‘एक अक्षर भी झूठा नहीं’ और ‘तालिबान अफ़ग़ान और मैं’ भी बहुचर्चित कृति।

निधन : 4 सितम्‍बर, 2013

Read More
Books by this Author
Back to Top