Zubair Razvi
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जुबेर रेज़वी
1936 में अमरोहा के एक मुमताज़ दीनी घराने में पैदा हुए। शुरुआती शिक्षा अमरोहा और हैदराबाद, दकन में। एम.ए. दिल्ली वि.वि. से।
ऑल इंडिया रेडियो में एक विख्यात ब्राडकॉस्टर की छवि बनाते हुए बतौर डायरेक्टर सेवानिवृत्त हुए। दो साल उर्दू अकेडमी दिल्ली के सचिव रहे। केन्द्र सरकार की एक सीनियर फ़ेलोशिप के तहत ‘उर्दू का रिश्ता हिन्दुस्तानी फ़नूने-लतीफा से’ विषय पर काम किया। इसके अलावा हिन्दुस्तानी ललित कलाओं पर ग़ालिब के प्रभाव पर भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण काम किया है जो किताब के रूप में प्रकाशित है। टीपू सुल्तान और कुली कुतुबशाह पर उनके ओपेरा कई बार मंचित हुए। जुबेर रेज़वी की गिनती उर्दू के मशहूर शायरों में होती है।
1991 से आप त्रैमासिक ‘ज़हने-जदीद’ नियमित रूप से सम्पादित करते रहे। शायर, ब्राडकॉस्टर और पत्रकार जुबेर रेज़वी की संस्मरणात्मक पुस्तक ‘गर्दिशे-पा’ की ख़ासी प्रशंसा हुई। ‘गर्दिशे-पा’ उनकी उत्कृष्ट गद्य का नमूना है। उनके लेखों की एक पुस्तक ‘उर्दू-फ़ुनून और अदब’ एक बहुचर्चित पुस्तक है।
निधन : 21 फ़रवरी, 2016