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Vinay Dube

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विनय दुबे

मध्य प्रदेश के एक गाँव—जमानी, ज़िला—होशंगाबाद में सन् 1924 में जन्म हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा इटारसी में हुई और वहीं लगभग छह वर्षों तक शिक्षक के रूप में कार्य किया। फिर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से ऊँची शिक्षा ली और पीएच.डी. की उपाधि भी प्राप्त की। सन् 1970 से भोपाल के एक महाविद्यालय में प्राध्यापन कार्य करते हुए 2003 में सेवानिवृत्त हुए।

मुख्यतः कवि। काव्य-नाटक भी लिखे। कई सम्मान और फ़ेलोशिप मिले। मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग की रचनात्मक लेखन के लिए ‘मुक्तिबोध फ़ेलोशिप’। ‘नागार्जुन सम्मान’। कविता के लिए ‘माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार’। साहित्य अकादेमी दिल्ली की सीनियर फ़ेलोशिप। मध्य प्रदेश सरकार का ‘शिखर सम्मान’।

प्रमुख कृतियाँ : ‘महामहिम चुप हैं’, ‘सपनों में आता है राक्षस’, ‘खलल’, ‘वैसे मैं कहूँ जैसे कहे नीम’, ֹ‘तत्रकुशलम’। (ये सभी कविता-संग्रह)। ‘फ़िलहाल यह आस-पास’ चुनी हुई कविताओं का संकलन। ‘दो एकम दो’ (नारायणपुर तथा अब ‘विलम्बु केहि काज’, काव्य नाटक), ‘तनाव’ पत्रिका की अनुवाद शृंखला में क्यूबा के कवि इबार्तो पदिल्लया की कविताओं के अंग्रेज़ी से अनुवाद और ‘भौं-भौं म्याऊँ’, ‘छुटकी गिलहरी’, ‘खानू गाँव’ की कहानियाँ हैं।

निधन : 4 सितम्बर, 2007

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