Sulabha Kore
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सुलभा कोरे
सुलभा कोरे मुम्बई में पली-बढ़ीं। मुम्बई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी में स्नातक तथा हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया। ‘भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी फिल्मों में भारतीय नारी’ विषय पर पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उनकी रचनाएँ विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनूदित और प्रकाशित हुई हैं। ‘स्पर्शिका’ और ‘स्पर्श हरवलेले’—दो मराठी कविता-संग्रहों के अलावा हिन्दी में ‘एक नया आकाश’, ‘तासीर’ तथा ‘सिरहाने के पल’ कविता-संग्रह प्रकाशित हैं। ‘तासीर’ कविता-संग्रह केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा पुरस्कृत है। लेखन व अनुवाद-कार्य सहित वे विभिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, मुम्बई में सहायक महाप्रबन्धक (राजभाषा) रह चुकी हैं।