Shekh Mujibur Rahman
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शेख मुजीबुर रहमान
जन्म : 17 मार्च, 1920 बांग्लादेश के संस्थापक नेता एवं प्रथम राष्ट्रपति। उन्हें सामान्यत: बांग्लादेश का जनक कहा जाता है। वे ‘अवामी लीग’ के अध्यक्ष थे। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सशस्त्र संग्राम की अगुआई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई। बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति बने और बाद में प्रधानमंत्री भी बने। वे ‘शेख मुजीब’ के नाम से भी प्रसिद्ध थे। उन्हें ‘बंगबन्धु’ की पदवी से सम्मानित किया गया। 15 अगस्त, 1975 की सुबह बांग्लादेश की सेना के कुछ बाग़ी युवा अफ़सरों के हथियारबन्द दस्ते ने ढाका स्थित राष्ट्रपति आवास पर पहुँचकर राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी। हमलावर टैंक लेकर गए थे। पहले उन लोगों ने बंगबन्धु के बेटे शेख कमाल को मारा और बाद में मुजीब और उनके अन्य परिजनों को। मुजीब के सभी तीन बेटे और उनकी पत्नी की बारी-बारी से हत्या कर दी गई। हमले में कुल 20 लोग मारे गए थे। बाग़ी सेना के जवान हमले के समय कई दस्तों में बँटे थे। अप्रत्याशित हमले में मुजीब परिवार का कोई पुरुष सदस्य नहीं बचा। उनकी दो बेटियाँ संयोगवश बच गईं, जो घटना के समय जर्मनी में थीं। उनमें एक शेख हसीना और दूसरी शेख रेहाना थीं। शेख हसीना अभी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। अपने पिता की हत्या के बाद शेख हसीना ब्रिटेन में रहने लगी थीं। वहीं से उन्होंने बांग्लादेश के नए शासकों के ख़िलाफ़ अभियान चलाया। 1981 में वह बांग्लादेश लौटीं और सर्वसम्मति से ‘अवामी लीग’ की अध्यक्ष चुन ली गईं।