Author
Sharad Chandra

Sharad Chandra

2 Books

डॉ. शरद चन्द्र

डॉ. शरद चन्द्रा का जन्म 2 जनवरी, 1943 को राजस्‍थान के जयपुर में हुआ।

शिक्षा : एम.ए., पीएच. डी.। भारत में फ़्रांसीसी भाषा व साहित्य के विद्वानों में से एक। दिल्ली, राजस्थान और नाइजीरिया के विश्वविद्यालयों एवं इग्नू में अध्यापन।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘अल्बैर् कामू और भगवद्गीता’, ‘Albert Camus : Sense of the Sacred’, ‘Three Essays on Indian Art & Architecture’, ‘Albert Camus and Blanche W. Knoph’, ‘Albert Camus and Indian Thought’, ‘Camus and India’ (चिन्तन); ‘एकान्त में अकेले’, ‘तो क्या’, ‘The Visit and other Stories’, ‘पादरी माफ़ी माँगो’, ‘Mutiny in the Ark’ (कहानी-संग्रह); ‘Albert Camus et L'Indc (Paris)’, ‘मरता शहर’, ‘A look Around’ (कविता-संग्रह); ‘The Higher Fidelity’, ‘Anthology of French literature’ आदि।

अनूदित पुस्तकें (मूल फ़्रेंच से) : ‘कालिगुला’, ‘न्यायप्रिय’, ‘सुखी मृत्यु’, ‘निर्वासन और आधिपत्य’, ‘अर्थदोष’, ‘पहला आदमी’, ‘एक बेचैन का रोज़नामचा’, ‘पहचान के नाम पर हत्याएँ’, ‘संगे सबूर’ (उपन्यास)। ‘वह मैं नहीं हूँ’ (कविता)। ‘आत्मा की खोज’ (फर्नांदो पैसोआ की चुनिन्‍दा गद्य रचनाएँ), ‘नाविक’ (फर्नांदो पैसोआ कृत 'ओ मेरिनिरो' का अनुवाद), फ़्रांसीसी कविताओं का संकलन, ‘फ्लैंडर्स रोड: क्लोद सीमों’, ‘शब्द : ज्याँ पाल सार्त्र’, ‘तोवॅलमैन : मिशेल देओं’, ‘रैम्बो की कविताएँ’, ‘फर्नांदो पैसोआ की कविताएँ’ आदि।

सम्मान : फ़्रांसीसी अकादमी, पेरिस द्वारा वर्ष 1992 के ‘ग्रों प्री पुरस्कार’ से सम्मानित प्रथम भारतीय; ‘द्ववागिश सम्मान’, 1993; ‘गुलबेन्कियन फ़ाउंडेशन फ़ैलोशिप’, लिज़्बन, पुर्तगाल, 1995; ‘रेज़ीडेंट अनुवादक फैलोशिप’, संस्कृति मंत्रालय, फ़्रांस, 1996 ‘हैरी रैंसम रिसर्च सेंटर फ़ेलोशिप’ आदि। देश-विदेश के अनेक आयोजनों में व्याख्यान एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों में सक्रियता।

सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन।

Back to Top