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Shambhu Gupt

Shambhu Gupt

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शंभु गुप्त

1954 के अन्तिम दिनों में ब्रज-प्रदेश राजस्थान के भरतपुर ज़िले के हलैना नामक गाँव में जन्म।

प्रारम्भिक-माध्यमिक शिक्षा गाँव के सरकारी स्कूल में। उच्च शिक्षा भरतपुर एवं आगरा में। आगरा के प्रसिद्ध कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिन्दी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ से एम.ए. तथा पीएच.डी. बी.ए. में राजस्थान विवि. का स्वर्णपदक। एम.ए. में विवि. में प्रथम स्थान।

राजस्थान के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों के हिन्दी विभागों में 27 वर्ष की नौकरी के बाद महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में स्त्री अध्ययन विभाग में प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष पद पर कार्य।

नाट्य-कर्म से जुड़ाव। ‘इप्टा’ तथा अन्य कई एमेच्योर ग्रुप्स के नाटकों में अभिनय एवं पटकथा-लेखन।

प्रारम्भ में कविता, कहानी लेकिन अब आलोचना पर केन्द्रित। हिन्दी की लगभग समस्त प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं बहुपठित एवं चर्चित सैकड़ों आलोचनात्मक लेख प्रकाशित।

देश-भर में विभिन्न विषयों पर आयोजित 50 से अधिक राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी।

कई विश्वविद्यालयों के हिन्दी पीएच.डी. शोध प्रबन्धों के परीक्षक के रूप में सूचीबद्ध।

सम्मान : ‘अभिव्यक्ति’ पत्रिका, कोटा द्वारा ‘युवा आलोचक का पुरस्कार’—1994; ‘रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान’—2008; ‘स्पन्दन आलोचना पुरस्कार’-2009; ‘अर्जुन कवि जनवाणी पुरस्कार’—2011।

प्रमुख कृतियाँ : ֹ‘मैंने पढ़ा समाज’, ‘अर्जुन कवि के दोहे : व्याख्या एवं टिप्पणी सहित’; कहानी— ‘समकालीन चुनौतियाँ’, ‘दो अक्षर सौ ज्ञान’, ‘अर्जुन कवि के दोहों पर सम्पादित’, ‘अनहद गरजै’, ‘साहित्य-सृजन : बदलती प्रक्रिया’।

यात्रा : 9वें विश्व हिन्दी सम्मेलन, 2012, जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल तथा व्याख्यान।

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