Satinath Bhaduri
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सतीनाथ भादुड़ी
सतीनाथ भादुड़ी का जन्म 27 सितम्बर, 1906 को पूर्णिया, बिहार में हुआ था। उन्होंने अर्थशास्त्र में पटना विश्वविद्यालय से एम.ए. की डिग्री हासिल की। लिखना तो बहुत बाद में शुरू किया, इससे पहले उनकी पहचान एक अच्छे राजनीतिज्ञ और बड़े समाज सुधारक के तौर पर थी। वे आज़ादी के आन्दोलन में काफ़ी सक्रिय थे। महात्मा गांधी के आह्वान पर सत्याग्रहियों की टोली में शामिल हो गए थे। ब्रितानी हुकूमत के ख़िलाफ़ कई गतिविधियों में शामिल रहने के कारण उन्हें तीन बार जेल की यात्रा करनी पड़ी। जेल में जयप्रकाश नारायण, फणिभूषण सेन, श्रीकृष्ण सिंह और अनुग्रह नारायण सिंह के साथ उन्हें रहने का अवसर मिला। जेल में रहते हुए ही उन्होंने ‘जागोरी’ नामक प्रसिद्ध उपन्यास लिखा था।
लोक-संस्कृति के चितेरे के साथ-साथ लोक-संघर्ष से भी गहरे जुड़े रहनेवाले सतीनाथ भादुड़ी ने अपने जीवन में कई उपन्यास लिखे। अनेक लघुकथाएँ और निबन्धों की रचना की। उनके महत्त्वपूर्ण उपन्यासों में ‘जागोरी’, ‘ढोड़ाय चरितमानस’, ‘काकोरी’, ‘संकट’, ‘दिग्भ्रान्त’ आदि शामिल हैं। ‘ढोड़ाय चरितमानस’ पूर्णिया और आसपास के लोक को समझने के लिए बांग्ला और हिन्दी दोनों ही भाषाओं में असाधारण कृति है।
उनका निधन 30 मार्च, 1965 को हुआ।