Safdar Hashmi
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सफ़दर हाशमी
12 अप्रैल, 1954 को एक सुपरिचित कम्युनिस्ट परिवार में जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा अलीगढ़ के एक स्कूल से। 1970 में नई दिल्ली स्थित कन्नड़ स्कूल से हायर सेकंडरी और 1975 में सेंट स्टीफ़न कॉलेज से अंग्रेज़ी में एम.ए.। कॉलेज शिक्षा के दौरान ही एस.एफ़.आई. और ‘इप्टा’ के सक्रिय सदस्य। 1973 में ‘इप्टा’ से अलग होकर मलयश्री राय आदि कुछ साथियों के सहयोग से ‘जन नाट्य मंच’ की स्थापना। 1979 में मलयश्री राय से विवाह।
मज़दूर वर्ग के क्रान्तिकारी लक्ष्यों के प्रति अगाध निष्ठा रखते हुए एक राष्ट्रव्यापी जनवादी सांस्कृतिक आन्दोलन की दिशा में काम। संस्कृतिकर्म की सुरक्षा के लिए कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों को संगठित करने का लगातार प्रयास। ‘जन नाट्य मंच’ (‘जनम’) के गठन के बाद कई महत्त्वपूर्ण मंच नाटक प्रस्तुत किए और फिर देश-भर में नुक्कड़ नाटकों के नए आन्दोलन का सूत्रपात। इस दौरान ‘मशीन’, ‘औरत’, ‘हत्यारे’, ‘गाँव से शहर तक’, ‘अपहरण भाईचारे का’, ‘राजा का बाजा’, ‘मई दिवस’, ‘समरथ को नहिं दोष गुसाईं’, ‘जंग के ख़तरे’, ‘आया चुनाव तथा हल्ला बोल’ आदि 25 से अधिक लोकप्रिय नुक्कड़ नाटकों की रचना और उनके देशव्यापी प्रदर्शन। बच्चों के लिए भी दर्जन-भर से ज़्यादा नाटक। नुक्कड़ नाटकों और कई डॉक्यूमेंटरी फ़िल्मों के लिए गीत-रचना। अनेक सेमिनारों एवं कार्यशालाओं का आयोजन। पत्र-पत्रिकाओं के लिए रंगकर्म सम्बन्धी कई महत्त्वपूर्ण आलेख और सांस्कृतिक स्तम्भ-लेखन।
1 जनवरी, 1989 को साहिबाबाद की एक मज़दूर बस्ती में नुक्कड़ नाटक करते हुए फ़ासिस्ट ताक़तों के जानलेवा हमले का शिकार। 2 जनवरी, 1989 को नई दिल्ली में निधन।