Saadat Hasan Manto
3 Books
सआदत हसन मंटो
सआदत हसन मंटो का जन्म 11 मई, 1912 को समराला, पंजाब में हुआ था। 1931 में मैट्रिक करने के बाद आगे की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। मंटो की कहानियों की पिछली सदी से अब तक जितनी चर्चा हुई है, उतनी उर्दू और हिन्दी क्या, दुनिया की किसी भी भाषा के कथाकार की शायद ही हुई हो। यही कारण कि चेख़व के बाद मंटो ही थे, जिन्होंने अपनी कहानियों के दम पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफलता हासिल की।
उनकी प्रसिद्ध कहानियों में ‘ठंडा गोश्त’, ‘टोबा टेक सिंह’, ‘काली शलवार’, ‘मोज़ेल’, ‘दस रुपये’ आदि शामिल हैं। उनके कुछ कहानी-संग्रहों के अलावा एक उपन्यास, रेडियो नाटकों के पाँच संग्रह, निबन्धों के तीन संग्रह, और व्यक्तिगत स्केच के दो संग्रह प्रकाशित हैं।
कहानियों में अश्लीलता के आरोप की वजह से मंटो को छह बार अदालत जाना पड़ा था, जिसमें से तीन बार पाकिस्तान बनने से पहले और तीन बार पाकिस्तान बनने के बाद, लेकिन एक भी बार मामला साबित नहीं हो पाया। मंटो की कई कहानियों का अनुवाद दुनिया की विभिन्न भाषाओं में किया जा चुका है। मंटो की सम्पूर्ण रचनाओं का संग्रह राजकमल प्रकाशन से ‘सआदत हंसन मंटो : दस्तावेज़’ नाम से पाँच खंडों में प्रकाशित है।
निधन : 18 जनवरी, 1955