Ranjit Saha
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रणजीत साहा
रणजीत साहा का जन्म 21 जुलाई, 1946 को हुआ। उन्होंने हिन्दी में एम.ए., पी-एच.डी. तथा तुलनात्मक साहित्य एवं ललित कला में भी उपाधियाँ प्राप्त की हैं। दशकों तक साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के उपसचिव पद पर कार्यरत रहे। शोध एवं अनुवाद के क्षेत्र में वे अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य कर चुके हैं। उनकी लगभग तीन दर्ज़न पुस्तकें एवं कई शोध आलेख प्रकाशित हैं। उनके द्वारा लिखित कृतियों में युगसन्धि के प्रतिमान, सहज सिद्ध : साधना एवं सर्जना, अमृत राय, किरंतन, सिद्ध साहित्य : साधन विमर्श तथा चर्यागीति विमर्श (समालोचना); रवीन्द्र मनीषा एवं रवीन्द्रनाथ की कला सृष्टि के अलावा गीतांजलि का अनुवाद भी सम्मिलित है। समकालीन रोमानियाई कविता का विशिष्ट संकलन सच लेता है आकार कविता के पाठकों द्वारा काफी सराहा गया है। उन्हें रोमानिया दूतावास ने साहित्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रोत्साहक (बेस्ट प्रोमोटर) का सम्मान प्रदान किया।
भारतीय भाषा केन्द्र, जवाहरलाल नेहरू वि.वि. से सेवानिवृत्त डॉ. साहा को भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता के सेतुबन्ध पुरस्कार, अन्तरराष्ट्रीय इंडो-रशियन लिटरेरी सम्मान, दिनकर रत्न सम्मान, उ.प्र. हिन्दी-उर्दू कमिटी अवार्ड, हिन्दी साहित्य सेवी सम्मान तथा काकासाहेब कालेलकर अलंकरण से सम्मानित किया गया है।