Ram Shankar Mishra
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डॉ. रामशंकर मिश्र
जन्म : 13 अगस्त, 1933; बघराजी, जबलपुर (मध्य प्रदेश)।
शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी.।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘गोरखगाथा’, ‘राजशेखर’ (उपन्यास); ‘अक्षर पुरुष निराला’, ‘अगस्त्य’, ‘गान्धार धैवत’, ‘प्रियदर्शी अशोक’ (प्रबन्ध काव्य); ‘शब्द देवता आदिशंकराचार्य’ (महाकाव्य); ‘दर्पण देखे माँज के’ (परसाई : जीवन और चिन्तन), ‘युग की पीड़ा का सामना’ (परसाई : साहित्य समीक्षा), ‘त्रासदी का सौन्दर्यशास्त्र और परसाई’, ‘नई कविता : संस्कार और शिल्प’ (आलोचना); ‘तिरूक्कुरल’ (काव्यानुवाद); ‘कचारगढ़’ (पुरातात्विक सर्वेक्षण)।
प्रकाश्य : ‘मणिमेखला’ (उपन्यास); ‘ठाकुर जगमोहन सिंह : व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ (शोध-प्रबन्ध); ‘छायावादोत्तर प्रगीत और नई कविता’, ‘ज़मीन तलाशती कविता और उजाले के अनुप्रास’ (आलोचना); ‘गोंडी लोकगीत’, ‘लोकनृत्य और लोकनाट्य’, ‘गोंडी जनजाति की सांस्कृतिक विरासत और राजवंश’ (लोक-संस्कृति)।
प्रबन्ध काव्य : ‘महासेतु’, ‘महायात्रा’, ‘जँहँ जँहँ डोलूँ सोई परिकरम’, ‘न्याय मुद्रा’, ‘वसुन्धरा’, ‘यक्षप्रश्न’, ‘नाट्याचार्य’, ‘एक शास्ता और’, ‘सारिपुत्र’, ‘जनपद-जनपद’, ‘तुंगभद्रा’, ‘गांगेय’, ‘कालचक्र’, ‘राजघाट’, ‘रवीन्द्रनाथ’, ‘यीशुगाथा’, ‘मेकलसुता’, ‘उत्तरवर्ती’, ‘सौन्दर्य निकेतन’, ‘दीक्षाभूमि’, ‘कोणार्क’, ‘अर्थवाणी’, ‘मधुवन तुम कत रहत हरे’, ‘आदिकवि वाल्मीकि’, ‘कालजयी आर्यभट्ट’, ‘विकास पर्व’, ‘शैली भी एथिस्ट हो गया’, ‘वर्ड्सवर्थ था भाष्य प्रकृति का', ‘सिद्धान्त सूर्य’, ‘समय साक्षी उमर खय्याम’, ‘स्वर गन्धर्व तानसेन’।
महाकाव्य : ‘देववानी’।
भाषान्तर काव्यानुवाद : ‘ऐंगुरूनुरू’, ‘पुरनानूरू’ (तमिल संगम साहित्य); ‘अहनानूरू’।
जीवनी : ‘सेतु्बन्धु डॉ. सुन्दरम’।
निधन : 13 जनवरी, 2018