Author
Prakriti Kargeti

Prakriti Kargeti

1 Books

प्रकृति करगेती

16 मार्च, 1991 में उत्तराखंड के ज़िला अल्मोड़ा के एक छोटे से गाँव ‘बसोट’ में जन्म। माँ (मोहनी करगेती) व पिता (त्रिलोचन करगेती) गाँव में कारोबार और खेती दोनों ही सँभालते हैं। बेहतर शिक्षा के लिए बच्चों को पढ़ने बाहर भेजा। प्रकृति, इसी के चलते रानीखेत, लखनऊ, दिल्ली और मुम्बई जैसे शहरों से सम्पर्क में आईं। गर्मियों की छुट्टियों में घर आना होता। इन्हीं छुट्टियों में माँ ने एक डायरी दी। कहा कि इन छुट्टियों में इस डायरी का सही इस्तेमाल करना। इशारा समझते हुए, उसी पर पहाड़ों के बीच और पहाड़ों के लिए ही पहली पाँच कविताएँ लिखीं।लिखने की इच्छा दिल्ली ले गई। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक। कविताओं का सिलसिला जारी रखते हुए ‘हंस’, ‘जनसत्ता’, ‘आलोचना’, ‘शुक्रवार’, ‘जानकीपुल’, ‘पब्लिक एजेंडा’, ‘असुविधा’, ‘कल्पतरु एक्सप्रेस’ जैसी पत्र-पत्रिकाओं, वेबसाइट व ब्लॉग में कविताएँ छपती रहीं।इस बीच कहानी लिखने का सिलसिला भी शुरू हुआ। ‘हंस’ के 2015 के जनवरी अंक में पहली बार कहानी छपी। शीर्षक था—‘ठहरे हुए से लोग’। यह अपने परिवेश को ध्यान में रखते हुए, पहली कहानी थी। इसी कहानी के लिए राजेन्द्र यादव ‘हंस कथा सम्मान—2015’ मिला। कुछ और कहानियाँ पाखी, आउटलुक, जानकीपुल, इंडियारी, लल्लनटॉप जैसी पत्रिकाओं व वेबसाइट में छपीं।स्नातक के बाद मीडिया से जुड़ी रही। बीबीसी हिन्दी, नेटवर्क 18, इंडिया टुडे में प्रोड्यूसर के रूप में कुछ साल काम। आजकल डिजिटल एजेंसी 'कल्चर मशीन’ में लेखक के रूप में कार्यरत। स्वतंत्र लेखन के अलावा, फ़िल्म और डिजिटल दुनिया के लिए लेखन।

Back to Top