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Padamsingh Sharma

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पद्मसिंह शर्मा

जन्म : बिजनौर ज़िले के एक गाँव में 25 फरवरी, सन् 1877 में हुआ था।
शर्मा जी हिन्दी, संस्कृत, फ़ारसी और उर्दू के गहरे ज्ञाता थे। उन्होंने ‘साहित्य’, ‘भारतोदय’ तथा ‘समालोचक’ जैसे पत्रों का सम्पादन भी किया था। ज्वालापुर महाविद्यालय में उन्होंने बहुत दिनों तक अध्यापन किया। उनका घर उस समय के साहित्यकारों का प्रमुख केन्द्र था।
साहित्य-कर्म : हिन्दी में तुलनात्मक समीक्षा के प्रवर्तकों में पद्मसिंह शर्मा का नाम अग्रगण्य है। उन्होंने जुलाई, 1907 की ‘सरस्वती’ में बिहारी और फ़ारसी कवि सादी की तुलनात्मक समालोचना प्रकाशित कराई। इसी अंक में शर्मा जी का एक लेख और था—‘भिन्न भाषाओं के समानार्थी पद्य’। यह निबन्ध क्रमश: ‘सरस्वती’ के अनेक अंकों में निकला और सन् 1911 में जाकर समाप्त हुआ। इसी प्रकार जुलाई, 1908 की 'सरस्वती' में उनका 'संस्कृत और हिन्दी कविता का बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव' प्रकाशित होना शुरू हुआ और सन् 1912 में जाकर समाप्त हुआ। 'सरस्वती', अगस्त, 1909 में उन्होंने ‘भिन्न भाषाओं की कविता का बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव' लिखा। इन बड़े-छोटे निबन्धों में तुलनात्मक आकलन तो नहीं था पर पारस्परिक समता दिखाने की इस प्रवृत्ति ने लोगों को उस दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया। वस्तुत: इन निबन्धों की आधारशिला पर ही आगे चलकर तुलनात्मक समालोचना का ज़ोर बढ़ता है।
निधन : 7 अप्रैल, 1932

 

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