Nishant
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निशान्त
जन्म : 4 अक्टूबर, 1978, लालगंज, बस्ती (उ.प्र.)। निशान्त का शैक्षणिक नाम ‘विजय कुमार साव’ है और घर का ‘मिठाईलाल’। पहली कविता 1993 में मिठाईलाल के नाम से ‘जनसत्ता’ में प्रकाशित। कुछ दिन इसी नाम से कविताएँ छपती और प्रशंसित होती रहीं। कई कविताओं के बांग्ला व अंग्रेज़ी सहित विभिन्न भाषाओं में अनुवाद।
पचीस साल तक पश्चिम बंगाल में रहते हुए वहाँ की साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के सक्रिय कार्यकर्त्ता। बांग्ला संस्कृति और बांग्ला फ़िल्मों से लगाव, बांग्ला कवि जय गोस्वामी और बुद्धदेव दासगुप्ता की कविताओं का हिन्दी में अनुवाद। कोलकाता विश्वविद्यालय से ‘स्नातक’। रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय से ‘अनुवाद’ में डिप्लोमा।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के लिए महाश्वेता देवी के उपन्यास ‘अरण्येर अधिकार’ (जंगल के दावेदार) पर आधारित एम.ए. के पाठ्यक्रम के लिए पाठ्य-सामग्री का अनुवाद। अनन्त कुमार चक्रवर्ती की पुस्तिका ‘वन्दे मातरम् का सुर : उत्स और वैचित्र्य’ का अनुवाद। ज्ञानरंजन की आठ कहानियों के संग्रह के हिन्दी से बांग्ला में अनुवाद में सहायक।
पेट और पढ़ाई के लिए विभिन्न नौकरियों, व्यवसाय एवं विश्वविद्यालयों से होते हुए, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी. (हिन्दी)। भारतीय ज्ञानपीठ की युवा पुरस्कार योजना के अन्तर्गत पहला काव्य-संग्रह ‘जवान होते हुए लड़के का क़बूलनामा’ प्रकाशित।
रवीन्द्रनाथ टैगोर की 13 कविताओं पर आधारित फ़िल्म—‘त्रयोदशी’ में अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त फ़िल्मकार-कवि बुद्धदेव दासगुप्ता के साथ बतौर सहायक निर्देशक और अभिनेता कार्य।
सम्मान : ‘भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार’, ‘नागार्जुन शिखर सम्मान’, ‘मलखान सिंह सिसोदिया पुरस्कार’।
सम्प्रति : काज़ी नज़रुल विश्वविद्यालय, बर्धमान, पश्चिम बंगाल में अध्यापन।