Nirbhay Kumar
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निर्भय कुमार
निर्भय कुमार का जन्य 15 जुलाई, 1988 को ग्राम—पतिलार, ज़िला—पश्चिमी चम्पारण, बिहार में हुआ। आपने यूजीसी जे.आर.एफ़. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ 'शमशेर बहादुर सिह की आलोचना-दृष्टि' विषय पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की और वर्तमान में 'हिन्दी कथा साहित्य में सैक्युअलिटी की अवधारणा (1990 के बाद)' विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से पीएच.डी. कर रहे हैं। आपके विभिन्न विषयों पर लेख, कविताएँ आदि हिन्दी भाषा के शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। साहित्य अकादेमी की पत्रिका 'समकालीन भारतीय साहित्य' में प्रकाशित आपका 'जब अपना ही घर पहचानना पड़े' शीर्षक रिपोर्ताज बेहद चर्चित है। वर्तमान में आप हिन्दी विभाग, रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली में सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में कार्यरत हैं।