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Martin Buber
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मार्टिन बूबर
मार्टिन बूबर का जन्म 8 फरवरी, 1878 को वियना में एक रूढ़िवादी यहूदी परिवार में हुआ था।
1902 में बूबर जिओनवादी आन्दोलन की केन्द्रीय पत्रिका ‘डी वेल्ट’ साप्ताहिक के सम्पादक बन गए, लेकिन उन्होंने बाद में ख़ुद को जिओनवाद के संगठनात्मक कार्यों से बाहर कर लिया। 1923 में बूबर ने अपना प्रसिद्ध निबन्ध ‘आई एंड दाउ’ लिखा और 1925 में हिब्रू ‘बाइबिल’ का जर्मन भाषा में अनुवाद शुरू किया। 1930 में वे फ़्रैंकफ़र्ट विश्वविद्यालय अम माइन के मानद प्रोफ़ेसर बने और 1930 में एडॉल्फ हिटलर के सत्ता में आने के तुरन्त बाद ही अपने प्रोफ़ेसर पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद बूबर ने सेन्ट्रल ऑफ़िस फ़ॉर ज्यूइश एडल्ट एजुकेशन की स्थापना की, जो तेज़ी से महत्त्वपूर्ण निकाय बन गया, क्योंकि जर्मन सरकार ने यहूदियों को सार्वजनिक शिक्षा में भाग लेने से मना कर दिया था। 1938 में बूबर ने जर्मनी छोड़ दी और यरूशलेम में बस गए। वहाँ हिब्रूर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर बनकर मानव विज्ञान और परिचयात्मक समाजशास्त्र पर व्याख्यान देने लगे।
1958 में बूबर की पत्नी पाउला की मृत्यु हो गई और 13 जून, 1965 को यरूशलेम के ताल्बिए में अपने घर पर मार्टिन बूबर का निधन हो गया।