Author
Lalita Sundi

Lalita Sundi

1 Books

ललिता सुंडी

झारखंड के समकालीन इतिहासकारों में अग्रणी ललिता सुंडी का जन्म 3 जून, 1974 को हुआ। वे पश्चिमी सिंहभूम जिले के हो आदिवासी समाज से आती हैं। उन्होंने दसवीं तक की शिक्षा सन्त जेवियर बालिका उच्च विद्यालय, चाईबासा से, जबकि इंटरमीडिएट से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा उत्कल विश्वविद्यालय, ओड़िशा से हासिल की। उन्होंने 2000 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास की और 2013 में राँची विश्वविद्यालय, राँची के इतिहास विभाग से ‘सिंहभूम की मानकी-मुंडा व्यवस्था : एक ऐतिहासिक अध्ययन’ विषय पर पी-एच. डी. की उपाधि हासिल की। अध्ययन पूरा करने के बाद उन्होंने अपने गृह जिले पश्चिमी सिंहभूम को अपना कार्यक्षेत्र बनाया तथा खुद को आदिवासियों के इतिहास सम्बन्धी शोध-अध्ययन और लेखन पर एकाग्र किया। उनके दर्जनों लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं, जबकि कई लेख पुस्तकों में भी शामिल किए गए हैं। वर्तमान में वे कोल्हान विश्वविद्यालय के महिला कॉलेज, चाईबासा में इतिहास विभाग की प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं। वे झारखंड सरकार के अधीन डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान, मोरहाबादी, राँची की दो अनुसन्धान परियोजनाओं से भी जुड़ी हुई हैं।

Back to Top