Kusum Jain
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कुसुम जैन
मूलतः कवयित्री कुसुम जैन का पहला काव्य-संग्रह ‘सच के साये में’ 1987 में प्रकाशित हुआ, फिर उनकी इकतीस कविताओं का बांग्ला संस्करण ‘रूटी ओ कोबिता’, जिसका अनुवाद कमलेश सेन ने किया था, का प्रकाशन 1998 में हुआ।
इसी बीच 1996 में आपने स्वीडिश लेखक टॉमस एंडर्सन व गीतेश शर्मा के साथ मिलकर पुस्तक ‘डबल फ़ैंटासी’ लिखी जिसका स्वीडिश अनुवाद ‘डुब्ला वार्ल्डर’ शीर्षक से प्रकाशित और चर्चित हुआ।
वर्षों से आप ‘जन-संसार’ से सहयोगी सम्पादक के रूप में जुड़ी हैं तथा इसके अन्तर्गत ‘महानगर 77’, ‘नवलेखन’, ‘राहुल : मन्थन एवं चिन्तन’, ‘युवा : दृष्टि और दिशा’ आदि कई महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों का आपने सम्पादन किया।
कवयित्री होने के साथ-साथ आप एक सक्रिय समाजकर्मी भी हैं। महिला संगठन ‘विमेन्स सहयोग’ की अध्यक्ष होने के अलावा संगठन द्वारा प्रकाशित वार्षिक त्रिभाषी पत्रिका की आप सम्पादक भी हैं।