Jainedra Kumar
1 Books
जैनेन्द्र कुमार
जन्म : 2 जनवरी, 1905; कौड़ियागंज, ज़िला—अलीगढ़।
शिक्षा : उनके मामा ने हस्तिनापुर में एक गुरुकुल की स्थापना की थी, वहीं जैनेन्द्र की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा हुई। सन् 1912 में उन्होंने गुरुकुल छोड़ दिया। प्राइवेट रूप से मैट्रिक परीक्षा में बैठने की तैयारी के लिए वह बिजनौर आ गए। 1919 में उन्होंने यह परीक्षा बिजनौर से न देकर पंजाब से उत्तीर्ण की। जैनेन्द्र की उच्च शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई।
सन् 1921 से 23 के बीच जैनेन्द्र ने अपनी माता की सहायता से व्यापार किया, जिसमें इन्हें सफलता भी मिली। परन्तु सन् 23 में वे नागपुर चले गए और वहाँ राजनीतिक पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य करने लगे। जीविका की खोज में वे कलकत्ता भी गए, लेकिन वहाँ से भी उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। इसके बाद उन्होंने लेखन कार्य आरम्भ किया।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘परख’, ‘सुनीता’, ‘त्यागपत्र’, ‘कल्याणी’, ‘विवर्त’, ‘सुखदा’, ‘व्यतीत’, ‘जयवर्धन’ (उपन्यास); ‘फाँसी’, ‘वातायन’, ‘नीलम देश की राजकन्या’, ‘एक रात’, ‘दो चिड़ियाँ’, ‘पाजेब’, ‘जयसन्धि’, ‘जैनेन्द्र की कहानियाँ’ (सात भाग) (कहानी-संग्रह); ‘प्रस्तुत प्रश्न’, ‘जड़ की बात’, ‘पूर्वोदय’, ‘साहित्य का श्रेय और प्रेय’, ‘मंथन’, ‘सोच-विचार’, ‘काम, प्रेम और परिवार’, ‘ये और वे’ (निबन्ध-संग्रह); ‘मन्दालिनी’, ‘प्रेम में भगवान’, ‘पाप और प्रकाश’ (अनुवाद); ‘साहित्य चयन’, ‘विचार वल्लरी’ (सम्पादन)।
सम्मान : ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘पद्मभूषण’ आदि से सम्मानित।
निधन : 24 दिसम्बर, 1988