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Jagdish Chandra

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जगदीश चन्द्र

बचपन पंजाब में होशियारपुर के दो गाँवों–रलहन और घोड़ेवाहा–में गुजरा। स्कूल के दिनों में छोटे कस्बे और कॉलेज की पढ़ाई के सिलसिले में जिला सदर मुकाम होशियारपुर और जालंधर में कस्बाती जन-जीवन से इनका गहरा सम्पर्क हुआ। नौकरी की तलाश में दिल्ली आए तो कई वर्ष यहीं के हो गए।

साहित्यिक जीवन का आरम्भ आज से कोई पचास वर्ष पूर्व उर्दू कहानी ‘पुराने घर’ और पंजाबी नाटक ‘उड़ीका’ के लेखन से। पहला उपन्यास यादों के पहाड़ 1966 में प्रकाशित।

प्रकाशन : यादों के पहाड़, कभी न छोड़ें खेत, आधा पुल, मुट्ठी भर कांकर, घास गोदाम, धरती धन न अपना, नरककुण्ड में बास, टुण्डा लाट तथा लाट की वापसी (उपन्यास)। पहली रपट (कहानी संकलन)। नेता का जन्म (नाटक)।

धरती धन न अपना रूसी, उर्दू, पंजाबी एवं जर्मन में तथा आधा पुल अंग्रेजी में अनूदित।

कभी न छोड़ें खेत के नाट्य-रूपान्तर का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमण्डल की ओर से दिल्ली में 1984 और 1985 में मंचन।

सम्मान : पंजाब सरकार का ‘शिरोमणि साहित्यकार’ (हिन्दी) 1981 सम्मान के अलावा कुछ और सरकारी व गैर-सरकारी पुरस्कार।

निधन : 10 अप्रैल, 1996

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