Harsh Mander
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हर्ष मन्दर
जन्म : 17 अप्रैल 1955
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और प्रशासक। लगभग दो दशकों तक मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कार्य। आदिवासियों, दलितों, विकलांगों और स्त्रियों के अधिकारों, सूचना के अधिकार, बँधुआ मज़दूरों, भूमि सुधार, बड़ी परियोजनाओं द्वारा विस्थापित लोगों के हितों और स्वास्थ्य तथा शिक्षा आदि मुद्दों से गहरा जुड़ाव और लेखन।
2002 में गुजरात में हुई साम्प्रदायिक हिंसा और उसमें प्रशासन की भूमिका के विरोध में आईएएस से त्यागपत्र।
सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के ‘राइट टू फ़ूड कैम्पेन’ के स्पेशल कमिश्नर रहे हैं। यूपीए सरकार के अन्तर्गत नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य रह चुके हैं।
कई महत्त्वपूर्ण किताबों के लेखक और सह-लेखक। देश की प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में लेखन।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘लॉकिंग डाउन द पुअर : द पैंडेमिक एंड इंडियाज़ मोरल सेंटर’, ‘बिटवीन मेमोरी एंड फ़ॉरगेटिंग : मैसेकर एंड द मोदी इयर्स इन गुजरात’, ‘पार्टीशन ऑफ़ द हार्ट : अनमेकिंग द आइडिया ऑफ़ इंडिया’, ‘अनसुनी आवाज़ें’ आदि।
‘राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार’, ‘एमए थॉमस नेशनल ह्यूमन राइट्स अवार्ड’, ‘साउथ एशियन माइनॉरिटी लॉयर्स हार्मनी अवार्ड’, ‘चिश्ती हार्मनी अवार्ड’ से सम्मानित।
सम्प्रति : डायरेक्टर, सेंटर फ़ॉर इक्विटी स्टडीज।