Author

Gulab Khandelwal

1 Books

गुलाब खंडेलवाल

जन्म: २१ फ़रवरी १९२४

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा गया (बिहार) में हुई तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से १९४३ में बी. ए. की डिग्री प्राप्त की ।

साहित्य सेवा : अपने जीवनकाल में ६० से अधिक काव्य रचनायें की हैं इनमे से प्रमुख हैं-सौ गुलाब खिले,गुलाब-ग्रंथावली (खण्ड 1 से 6 तक), देश विराना है,पँखुरियाँ गुलाब की,अनबिंध मोती,चांदनी,उसार -का फूल, प्रेम कालिंदी, देश वीराना है,वकटी बान कर आ, कागज़ की नाव ग़ज़ल जैसी उर्दू की मँजी हुई विधा में उन्होंने हिन्दी के स्वीकृत सौन्दर्यबोध का अभिनिवेश करके संयम और सुरुचि की वृत्तरेखा के भीतर मार्मिक अनुभूतियों की उपलब्धि की है। उनका ’सौ गुलाब खिले’ हिन्दी की अपनी कही जाने योग्य स्तरीय ग़ज़लों का पहला संकलन है। इसके बाद उन्होंने ’पंखुरियाँ गुलाब की’, ’कुछ और गुलाब’, ’हर सुबह एक ताजा गुलाब’ जैसी अन्य कृतियों में ३६५ ग़ज़लें लिखकर इस प्रयोग को पूर्णता तक पहुँचा दिया है।

पुरस्कार : उषा (महाकाव्य) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत- (१९६७), रूप की धूप - उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कृत- (१९७१) , सौ गुलाब खिले - उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत- (१९७५) ,कुछ और गुलाब - उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कृत- (१९८०) , अहल्या (खंडकाव्य) - उत्तर प्रदेश द्वारा विशिष्ट पुरस्कार- (१९८०), अहल्या (खंडकाव्य) - श्री हनुमान मन्दिर ट्रस्ट, कलकत्ता, अखिल भारतीय रामभक्ति पुरस्कार – (१९८४) आधुनिक कवि,१९ - बिहार सरकार द्वारा, साहित्य सम्बन्धी अखिल भारतीय ग्रन्थ पुरस्कार (१९८९) हर सुबह एक ताज़ा गुलाब - उत्तर प्रदेश द्वारा निराला पुरस्कार – (१९८९)
गुलाबजी अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के अध्यक्ष पद पर लगातार छः बार निर्विरोध चुने गये थे । वे महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित भारती परिषद के भी अध्यक्ष रह चुके थे।
कवि गुलाब अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके थे

निधन: २ जुलाई २०१७

Back to Top