Gangadhar Chitnees
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गंगाधर चिटणीस
प्रसिद्ध चिन्तक स्व. साने गुरुजी के विचारों से बाल्यकाल से ही प्रभावित प्रखर बुद्धिमत्ता के धनी स्व. का. गंगाधर चिटणीस अपनी स्नातक स्तर की शिक्षा के पश्चात् वाम आन्दोलन की ओर आकर्षित हुए। ‘स्वयं के लिए नहीं, देश व समाज के लिए जियो’ का साने गुरुजी का सन्देश ग्रहण कर आपने अच्छे वेतन की केन्द्र सरकार की नौकरी त्यागकर अपना सम्पूर्ण जीवन वाम आन्दोलन (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व एटक) के लिए समर्पित किया। आपको युवावस्था से ही भारत में वाम आन्दोलन के संस्थापक व देश के मूर्धन्य कम्युनिस्ट नेता
स्व. श्रीपाद अमृत डांगे के निकट सहयोगी के रूप में काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
आपने अपना मुख्य कार्यक्षेत्र मुम्बई के टेक्सटाइल उद्योग को चुना व मिलों के श्रमिकों के हित में पूर्ण समर्पण से जीवन भर संघर्ष किया तथा अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं। आप ‘गिरणी कामगार यूनियन, मुम्बई’ के अनेक वर्षों तक महासचिव रहे, साथ ही महाराष्ट्र एटक के भी महासचिव रहे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मुम्बई के सचिव के रूप में भी आपने कार्य किया।
वृद्धावस्था में 6 नवम्बर, 2010 को इस समर्पित साम्यवादी का मुम्बई में निधन हुआ।