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Dr. Veer Singh

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डॉ. वीर सिंह

वर्ष 2000 में शहीद भगतसिंह कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के रीडर पद से अवकाश प्राप्त। ‘कामायनी की कथा : गवेषणात्मक अनुशीलन’ नामक आपका शोधग्रंथ 1975 में प्रकाशित हुआ था। विगत कई वर्षों से आप सूरजमल स्मारक शिक्षा-संस्था के प्रशासकीय एवं शैक्षिक कार्यों में निष्ठा के साथ सहयोग करते रहे हैं। वर्तमान में आप उक्त संस्था की कार्यकारिणी में संयुक्त सचिव और शिक्षा-समिति के सचिव हैं। अब आप संस्था के अनुसन्धान एवं प्रकाशन विभाग को स्थापित करने में लगे हुए हैं। प्रस्तुत ग्रंथ सहित, आपने स्व. गिरीशचन्द्र द्विवेदी की कृति ‘द जाट्स: देयर रोल इन मुग़ल एम्पायर’, ‘संत गंगादास के पद गंगा-सागर और रेमीनिसेंसिस ऑफ ए रेवॉल्यूशनरी : राजा महेन्द्र प्रताप’ नामक ग्रंथों का सम्पादन किया है। ‘जाटों का जीवन और इतिहास’, ‘राजा महेन्द्र प्रताप : जीवन और समय’ और ‘जाट समुदाय का इतिहास और जीवन : प्रवृत्ति और भविष्य’ आपके द्वारा आयोजित उल्लेखनीय राष्ट्रीय संगोष्ठियाँ हैं।

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