Dadasahab More
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दादासाहब मोरे
जन्म : 1 जून, 1961 को सोलापुर ज़िले के बावची में हुआ।
शिक्षा : एम.ए. (प्रथम श्रेणी), सेट परीक्षा में भी उत्तीर्ण।
प्रमुख कृतियाँ : मराठी में ‘गबाळ’ नाम से प्रकाशित ‘डेराडंगर’ आत्मकथा एक बेहद प्रसिद्ध कृति। ‘दुस्काल’, ‘अंधाराचे वारसदार’ (उपन्यास), ‘विमुक्त’, ‘विलसा’ आदि अन्य साहित्यिक महत्त्वपूर्ण कृतियाँ।
सम्मान : ‘गबाल’ के लिए ‘राज्य पुरस्कार’, ‘मुकादम साहित्य पुरस्कार’; ‘विमुक्त’ के लिए ‘आनन्दीबाई शिर्के पुरस्कार’; ‘अंधाराचे वारसदार’ के लिए ‘कार्तिकेय पुरस्कार’; ‘विलसा’ के लिए ‘दक्षिण महाराष्ट्र साहित्य सभा पुरस्कार’ आदि।
अनुवाद : कई कृतियों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद।
सम्प्रति : दलित-साहित्यान्दोलन में एक अहम स्थान रखनेवाले दादासाहब यशवंतराव चौहान मुक्त विश्वविद्यालय, नासिक (महाराष्ट्र) में मानविकी और समाज विज्ञान संकाय में एसोशिएट प्रोफ़ेसर हैं।