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Balkrishna Gupta

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बालकृष्ण गुप्त

समाजवादी विचारक और डॉ. राममनोहर लोहिया के राजनीतिक साथी बालकृष्ण गुप्त जी का जन्म 5 मार्च, 1910 में राजस्थान के बीकानेर ज़िले के भादरा गाँव में हुआ। उन्होंने 1930 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी से फ़र्स्ट-क्लास ऑनर्स के साथ बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। 1931-1934 में लन्दन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बी.एससी. ऑनर्स की डिग्री ली। वे प्रो. हेराल्डे लास्की और प्रो. डाल्टन के प्रिय शिष्यों में रहे। वे ट्रॉटस्की से मिलने पेरिस भी गए। लंदन में हैम्पस्टीड क्षेत्र की इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी और सोशलिस्ट लीग के सचिव भी थे। वे वहाँ ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ और ‘हिन्दुस्तान स्टैंडर्ड’ के संवाददाता व साप्ताहिक-पत्र लेखक भी थे।

बालकृष्ण गुप्त ने हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में बहुत से लेख लिखे। छह सालों तक योरोप तथा एशिया के विभिन्न देशों में घूमकर वहाँ की राजनीति तथा अर्थनीति का गहरा अध्ययन किया। इसके बाद 1932 में रूस की राजनीतिक व्यवस्था का विशेष अध्ययन करने गए। भारत आकर उन्होंने 1942 के आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया। जयप्रकाश नारायण,
डॉ. राममनोहर लोहिया और अरुणा आसफ़ अली की गुप्त रूप से सक्रिय आन्दोलन की रणनीति में सक्रिय हिस्सेदारी से सहायता की।

गुप्त ने अच्युत पटवर्धन और सुचेता कृपलानी की भी बड़ी मदद की। निज़ामशाही के ख़िलाफ़ सोशलिस्ट पार्टी के साथ लड़ाई लड़ी। नेपाल कांग्रेस की स्थापना से लेकर क्रान्ति तक राणाशाही के विरुद्ध चले आन्दोलन में सक्रिय मदद की। सोशलिस्ट पार्टी के शुरू से ही मेम्बर रहे श्री गुप्त अंग्रेज़ी, हिन्दी के कुशल वक्ता व गम्भीर लेखक थे। वे अर्थशास्त्र और अन्तरराष्ट्रीय राजनीति के पंडित माने जाते थे। बालकृष्ण जी बिहार विधानसभा क्षेत्र से राज्यसभा के सदस्य भी रहे। 1972 में उनका निधन हुआ।

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