Ashok Vatkar
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अशोक वटकर
20 अक्टूबर, 1947 में कोल्हापुर, महाराष्ट्र के वड़गाँव में जन्मे अशोक नामदेव वटकर मराठी के चर्चित कथाकार हैं। उन्होंने संस्कृत में एम.ए. किया। ऋग्वेद का समय निर्धारित करने के लिए शोध किया और
पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। राजाराम कॉलेज, कोल्हापुर में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रहे। ‘कैलास मानस’ (1988) उनका चर्चित यात्रा-वृत्तान्त है। ‘अथर्वीय जग’ (1980), ‘फॉस्कर’ (1980), ‘क्रॅब’ (1983), ‘पब्लिक’ (1983), ‘गोरी बायको’ (1984), ‘बगाड’ (1984), ‘सलामी’ (1988), ‘विलक्षण विद्यापती’ (1990) आदि उपन्यासों के अलावा ‘मेलेलं पाणी’ और ‘72 मील’ उनके आत्मकथात्मक उपन्यास हैं। ‘72 मील’ पर ‘72 मील : एक प्रवास’ नाम से मराठी फिल्म बन चुकी है। ‘मेलेलं पाणी’ को महाराष्ट्र शासन का उत्कृष्ट उपन्यास लेखन पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
सन् 2001 में उनका निधन हुआ।