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Ahtesham Hussain

Ahtesham Hussain

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एहतेशाम हुसैन

उर्दू के प्रख्यात साहित्यकार व आलोचक एहतेशाम हुसैन  11 जुलाई, 1912 को आज़मगढ़ के माहुल गाँव में पैदा हुए। प्रारम्भिक शिक्षा घर पर हुई। बेलजली स्कूल से हाई स्कूल किया। बी.ए. व एम.ए. की शिक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी की। एम.ए. करते ही जुलाई 1938 से उर्दू विभाग, लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगे। शुरू से ही प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े होने के कारण मार्क्सवादी चिन्तन उनके लेखों में मिलने लगा। ग़ालिब, प्रेमचन्द, इक़बाल आदि पर उनके लेख चर्चा में आने लगे और उनकी पुस्तकें ‘तनकीदी जायज़े’, ‘अदब और समाज’, ‘अक़बारों-मसायल’ आदि ने अपनी पहचान बनाई। सन् 1961 में प्रोफ़ेसर के पद पर वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी आ गए। 1972 तक इस पद पर रहे।

यूँ तो एहतेशाम हुसैन ने शायरी की, कहानियाँ भी लिखीं और सफ़रनामा भी, लेकिन अरल व अहम पहचान एक प्रगतिशील मार्क्सवादी आलोचक की ऐसी बनी कि बाक़ी सब पीछे रह गए। साहित्य का समाज से रिश्ता जोड़ते हुए उसे इतिहास और ज़माने के टकराव के परिप्रेक्ष्य में देखना एहतेशाम हुसैन का बुनियादी कारनामा था। साहित्य को एक बड़े और फैले हुए दायरे में देखने व समझने की यह पहली और बड़ी कोशिश थी जिससे पूरी नस्ल प्रभावित हुई और एहतेशाम हुसैन केवल एक व्यक्ति या आलोचक ही नहीं, बल्कि प्रगतिशील आलोचना की धरोहर बन गए जिस पर पूरा एक काफ़िला चल पड़ा उनकी पुस्तकें—‘तन्क़ीद और अमली तन्क़ीद’, ‘जौके-अदब और शऊर’, ‘अक्स और आइने’ और चकबस्त, अकबर, सज्जाद जहीर आदि पर लिखे गए उनके लेख उर्दू आलोचना की क़ीमती व रौशन मिसालें हैं जिनके कारण एहतेशाम हुसैन उर्दू आलोचना का कभी न भुलाया जानेवाला अध्याय बन गए। उन्होंने कुछ काम हिन्दी व अंग्रेज़ी में भी किए। ‘उर्दू साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास’ एक ऐसी किताब है जो पूरे हिन्दी साहित्य में लोकप्रिय है।

निधन : 1 दिसम्बर, 1972

 

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