Halafname

Fiction : Novel
Author: Raju Sharma
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साहित्यिक अफ़वाहों, षड्यंत्रों, छोटी आकांक्षाओं से सचेत दूरी बनानेवाले राजू शर्मा विरल प्रतिभा के कथाकार हैं। उन्होंने अपनी कहानियों में यथार्थ और उसकी अभिव्यक्ति की प्रचलित रूढ़ियों, परिपाटियों को परे हटाते हुए कथन की सर्वथा नई संरचना अर्जित की है। उनका यह पहला उपन्यास ‘हलफ़नामे’ उनकी रचनात्मकता का चमत्कृत कर देनेवाला विकास है।

‘हलफ़नामे’ को समकालीन हिन्दी उपन्यास लेखन की विशिष्ट उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। एक मुख्यमंत्री किसानों के वोट बटोरने के इरादे से ‘किसान आत्महत्या योजना’ की घोषणा करता है। इधर मकई राम को सूचना मिलती है कि क़र्ज़ के बोझ से पिस रहे उसके किसान पिता ने ख़ुदकुशी कर ली है। मकई ‘किसान आत्महत्या योजना’ से मुआवज़ा हासिल करने के लिए हलफ़नामा दाख़िल करता है। कथा के इस घेरे में राजू शर्मा ने भारतीय समाज का असाधारण आख्यान रचा है। यहाँ एक तरफ़ शासनतंत्र की निर्दयता और उसके फ़रेब का वृत्तान्त है तो दूसरी तरफ़ सामान्यजन के सुख-दु:ख-संघर्ष की अनूठी छवियाँ हैं। साथ में हलफ़नामे पानी के संकट की कहानी भी कहता है और इस बहाने वह हमारे उत्तर-आधुनिक समाज के तथाकथित विकास के मॉडल का गहन-मज़बूत प्रत्याख्यान प्रस्तुत करता है। न केवल इतना, बल्कि ‘हलफ़नामे’ में भारत के ग्रामीण विकास की वैकल्पिक अवधारणा का अद्भुत सर्जनात्मक पाठ भी है।

‘हलफ़नामे’ इस अर्थ में भी उल्लेखनीय है कि इसमें न यथार्थ एकरैखिक है न संरचना। यहाँ यथार्थ के भीतर बहुत सारे यथार्थ हैं, शिल्प में कई-कई शिल्प हैं, कहानी में न जाने कितनी कहानियाँ हैं। इसकी अभिव्यक्ति में व्यंग्य है और काव्यात्मकता भी। वास्तविकता की उखड़ी-रूखी ज़मीन है और कल्पना की ऊँची उड़ान भी। अर्थ की ऐसी व्यंजना कम कृतियों में सम्भव हो पाती है।

संक्षेप में कहें, ‘हलफ़नामे’ पाठकों की दुनिया को अपनी उपस्थिति से विस्मित कर देने की सामर्थ्य रखता है।

—अखिलेश

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2006
Edition Year 2006, Ed. 1st
Pages 252p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
Raju Sharma

Author: Raju Sharma

राजू शर्मा

1959 का जन्म। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर। लोक प्रशासन में पीएच.डी..। 1982 से 2010 तक आईएएस सेवा में रहे। उसके बाद से स्वतंत्र लेखन, मुसाफ़रत और यदा-कदा की सलाहनवीसी।

लेखन के अलावा रंगकर्म, फ़िल्म व फ़िल्म स्क्रिप्ट लेखन में विशेष रुचि व रुझान।

प्रकाशित कृतियाँ : उपन्यास : ‘हलफनामे’, ‘विसर्जन’।

कहानी-संग्रह : ‘शब्दों का खाकरोब’, ‘समय के शरणार्थी’, ‘नहर में बहती लाशें’।

नाटक : ‘भुवनपति’, ‘मध्यम वर्ग का आत्मनिवेदन या गुब्बारों की रूहानी उड़ान’, ‘जंगलवश’।

अनेक नाटकों का अनुवाद व रूपान्तरण।

ई-मेल : rajushar@gmail.com

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