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Posted: April 18, 2024
राजनीति को समझने के लिए कौनसी किताबें पढ़ें?
राजकमल ब्लॉग में राजनीतिक उपन्यासकार नवीन चौधरी बता रहे हैं कुछ ऐसी किताबों के बारे में जो राजनीति को भीतर से समझने में पाठकों को एक नई दृष्टि प्रदान करती हैं। हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं की इन किताबों में से कुछ उपन्यास है और कुछ कथेतर किताबें।Read more -
विश्व हिन्दी दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, सुप्रसिद्ध भाषाविज्ञानी भोलानाथ तिवारी की एक अनूठी कृति ‘शब्दों का जीवन’ का एक अंश। इस पुस्तक में शब्दों के जन्म, निर्माण, अर्थ, ध्वनि परिवर्तन और आदान-प्रदान आदि से सम्बन्धित भाषावैज्ञानिक तथ्यों को ललित निबन्धों के शिल्प में पेश किया गया है। अत्यन्त मनोरंजक भाषा-शैली में रची गई इस कृति में शब्दों को मनुष्य की तरह ही जन्म लेते, मरते, उलटते-पलटते और उठते-बैठते दिखाया है।
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ब्लॉग के इस अंक में पढ़ें, ज्ञानरंजन की किताब 'कबाड़खाना' का अंश नगर में बसना भी तुम्हें नहीं आया।
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ब्लॉग के इस अंक में पढ़ें, नागार्जुन की पुण्यतिथि पर शोभकान्त द्वारा लिखित उनकी जीवनी 'ठक्कन से नागार्जुन' का एक अंश। इसमें उनके बुढ़ापे के दिनों में दिल्ली में रहने के दौरान का वर्णन है।
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ब्लॉग के इस अंक में पढ़ें, प्रभात रंजन की किताब 'पालतू बोहेमियन' का अंश, 'हमने यह माना कि दिल्ली में रहें, खाएँगे क्या'। इसमें उन्होंने अपने शोध के दिनों को याद किया है।